NPCI का UPI बना डिजिटल भुगतान के रीढ़ की हड्डी
यह तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के शीर्ष पर एक ओपन सोर्स एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के रूप में चलता हैएवं इसका नियमन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किया जाता है


लखनऊ:-यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित एक तत्काल रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है। इसका इंटरफ़ेस ''अंतर-बैंक''पीयर-टू-पीयर (पी2पी) और व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) लेनदेन की सुविधाप्रदान करता है।इसका उपयोग मोबाइल उपकरणों पर दो बैंक खातों के बीच तुरंत धन हस्तांतरित करने के लिए किया जाता है।  

यह तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के शीर्ष पर एक ओपन सोर्स एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के रूप में चलता हैएवं इसका नियमन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किया जाता है॥


UPI की बढ़ती लोकप्रियता

अप्रैल 2016 में UPI के लॉंच होने पश्चात् इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसके लेनदेन से लगाया जा सकता है। वर्ल्डलाइन रिपोर्ट केअनुसार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस  द्वारा सक्षम लेनदेन ने न केवल जून में लगातार दूसरे महीने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक कालेनदेन किया, बल्कि 2022 की पहली तिमाही में, यूपीआई ने 14.55 बिलियन से अधिक और 26.19 ट्रिलियन रुपये का लेन-देन किया है।

UPI लेनदेन की मात्रा और मूल्य पिछले वर्ष से लगभग दोगुना हो गया है, जिसके अंतर्गत मात्रा में लगभग 99% वृद्धि और Q1 2021 की तुलना में मूल्य में 90% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।


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